Water Shortage in Delhi: गर्मी में तरसती दिल्ली को मिलेगा हिमाचल का ठंडा पानी, नमस्कार दोस्तों, हम सभी जानते हैं कि गर्मियों के मौसम में पानी की मांग काफी बढ़ जाती है। विशेषकर जब तापमान अधिक हो तो पानी की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। इसी संदर्भ में दिल्ली में इस समय भयंकर गर्मी पड़ रही है और पानी की गंभीर कमी महसूस की जा रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भाजपा शासित हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह हिमाचल प्रदेश से आने वाले अतिरिक्त पानी को दिल्ली भेजे।
यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने यमुना बोर्ड की बैठक के दौरान लिया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा गया कि सभी हितधारकों ने स्वीकार किया है कि दिल्ली में असाधारण गर्मी और पानी की गंभीर कमी है। हालांकि, हरियाणा में भी गर्मी का प्रकोप है, लेकिन वहां पेयजल की कोई कमी नहीं है। इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह हिमाचल प्रदेश से आने वाले अतिरिक्त पानी को दिल्ली भेजे।
अदालत ने जल शक्ति मंत्रालय के हिमाचल प्रदेश के अधिकारी द्वारा प्रस्तुत चार्ट को रिकॉर्ड पर लिया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि हिमाचल में मार्च से जून के बीच 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध है। चूंकि हिमाचल प्रदेश के पास यह अतिरिक्त पानी है और उसने इसे छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं की है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को निर्देश दिया है कि वह अपने यहां उपलब्ध 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी को हथनीकुंड बैराज में छोड़ दे।
इस निर्णय के अनुसार, जैसे ही हिमाचल प्रदेश यह अतिरिक्त पानी छोड़ेगा, वह हरियाणा सरकार को सूचित करेगा और हरियाणा सरकार इस अतिरिक्त पानी को वजीराबाद बैराज तक पहुंचाएगी। इस प्रक्रिया से यह अतिरिक्त पानी दिल्ली तक आ सकेगा और यहां की जनता को गर्मी से राहत मिलेगी।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी चेतावनी दी है कि वह पानी की बर्बादी न करे और इसका समुचित उपयोग सुनिश्चित करे। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय के बाद दिल्ली में पानी की कमी से राहत मिलेगी और लोगों को गर्मियों में सुविधा होगी।
यह निर्णय सभी हितधारकों के लिए लाभकारी है। हिमाचल प्रदेश अपने यहां उपलब्ध अतिरिक्त पानी का उपयोग कर पाएगा, हरियाणा सरकार इस अतिरिक्त पानी को वजीराबाद बैराज तक पहुंचा सकेगी और दिल्ली की जनता को पानी की कमी से राहत मिलेगी। इस प्रकार यह एक त्रिपक्षीय लाभकारी निर्णय है।
हालांकि, इस निर्णय के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी राज्यों और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना होगा। सभी पक्षों को एक-दूसरे के हितों को समझना होगा और आपसी सहयोग से काम करना होगा। यदि सभी पक्ष इस निर्णय का पालन करते हैं, तो निश्चित रूप से दिल्ली में पानी की कमी का समाधान हो सकेगा और लोगों को गर्मियों में राहत मिलेगी।
इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न केवल दिल्ली की जनता के हितों को ध्यान में रखता है, बल्कि यह सभी हितधारकों के लिए लाभकारी है। आशा है कि इस निर्णय का सफल क्रियान्वयन होगा और दिल्ली में पानी की कमी का समस्या समाप्त हो जाएगी।
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